7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की कवायद शुरू
- वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों के नेतृत्व में एक शिकायत प्रकोष्ठ बनाने को कहा
- गैर आईएएस अधिकारियों ने अमल समिति में केवल आईएएस को शामिल करने का किया विरोध
रोशन/एसएनबीनई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की कवायद
शुरू हो गई है। वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों से संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी
के नेतृत्व में एक शिकायत प्रकोष्ठ बनाने को कहा है। मंत्रालय ने साथ ही अमल समिति
में 12 अधिकारियों को शामिल करने का सकरुलर जारी किया है। इस समिति के मुखिया
वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव होंगे। दूसरी तरफ, अमल समिति में केवल आईएएस को
शामिल करने का विरोध जताने के लिए गैर आईएएस अधिकारियों ने वित्तमंत्री से समय
मांगा था, लेकिन उन्होंने अभी तक समय नहीं दिया है। हालांकि अधिकारियों ने मंगलवार
को अपना एक ज्ञापन वित्तमंत्री कार्यालय को सौंप दिया है।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी सकरुलर के मुताबिक, सभी मंत्रालय शिकायत
प्रकोष्ठ बनाएं और अभी से अपने मंत्रालय के कर्मचारियों की शिकायतें सुनें और जब आयोग
के लिए शिकायत प्रकोष्ठ बनेगा, तब सभी शिकायतें उस प्रकोष्ठ को भेजें ताकि शिकायत
प्रकोष्ठ जल्द से जल्द निर्णय ले सके। इससे पहले वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने
के बाद ही शिकायत प्रकोष्ठ का गठन होता था।
सामान्य तौर पर वेतन आयोग के संयुक्त सचिव को ही अमल समिति का अध्यक्ष
बनाया जाता है। इस लिहाज से 7वें वेतन आयोग में संयुक्त सचिव समीर सिन्हा को अमल
समिति सौंपी जा रही है। सिन्हा के अलावा एक निदेशक, एक अंडर सेक्रेटरी और बाकी
छोटा स्टाफ स्मिति में शामिल किया जाएगा। गैर आईएएस अधिकारियों ने समीर सिन्हा की
नियुक्ति का विरोध करने के लिए वित्तमंत्री से समय मांगा था, लेकिन वित्तमंत्री ने
अभी तक समय नहीं दिया है जबकि वित्तमंत्री अरुण जेटली के निजी सचिव भारतीय राजस्व
सेवा से हैं। गैर आईएएस अधिकारियों ने विवेक राय को आयोग का सदस्य बनाने के खिलाफ
कोर्ट में केस दायर किया हुआ है। विवेक राय पूर्व आईएएस थे और उन्होंने सातवें
वेतन आयोग में आईएएस के पक्ष में जमकर वकालत की। गैर आईएएस का यही आरोप है कि
आईएएस दूसरी सेवाओं के अधिकारियों के साथ न्याय नहीं कर सकते।
केंद्रीय सेवा अधिकारियों के महासंघ के महामंत्री जयंत मिश्रा ने वित्तमंत्री
जेटली के कार्यालय में मंगलवार को एक ज्ञापन सौंपा। जयंत मिश्रा के अनुसार एक ही
परीक्षा पास कर आए अधिकारियों पर विसंगति दूर होनी चाहिए। आईएएस को दूसरे
अधिकारियों से ऊपर रखा जाता है। उन्होंने बताया कि जापान समेत कुछ देशों में
राजस्व सेवा को नम्बर एक पर रखा जाता है।
महासंघ ने वेतन आयोग से आईएएस को मिलने वाले लाभ को समाप्त करने और वेतन
विसंगति को दूर करने की मांग की है। जबकि वेतन आयोग ने विसंगति को दूर करने के
बजाय भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय वन सेवा को भी आईएएस के जैसे दो वेतन वृद्धियों
का लाभ दे दिया। महासंघ सभी सेवाओं को एक ही पलड़े पर रखने की मांग कर रहा है।
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